NCDEX और APMC: कृषि उत्पाद बाजारों के बीच के अंतर क्या है? यह जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि NCDEX और APMC क्या है। हमने NCDEX पर हमने पहले से एक लेख लिखा हुआ है, आप इसे यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। तो फिर आइए हम यहां APMC से शुरुआत करते है।
APMC: किसानों के लिए कृषि बाजार का महत्व
APMC (Agricultural Produce Market Committee) का हिंदी में अर्थ होता है “कृषि उत्पाद बाजार समिति”। यह भारत में खेती से संबंधित खरीददारी और विपणन के लिए स्थानीय बाजारों को प्रबंधित करने वाली संगठनित समितियों का समूह है। APMC समितियां खेती क्षेत्रों में स्थित होती हैं और विभिन्न कृषि उत्पादों की खरीददारी और विपणन को प्रबंधित करती हैं।
APMC के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हो सकते हैं:
- मूल्य निर्धारण: APMC समितियां कृषि उत्पादों की मूल्यों की निर्धारण करती हैं, जिससे किसानों को न्यायसंगत मूल्य मिले।
- खरीददारी और विपणन: ये समितियां किसानों से कृषि उत्पादों की खरीददारी करती हैं और उन्हें विपणन की सुविधा प्रदान करती हैं।
- बाजार सुरक्षा: APMC बाजार में न्यायसंगत और व्यावसायिक सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है, जिससे व्यापारी और किसानों के अधिकार सुरक्षित रहते हैं।
- खेती समर्थन: APMC समितियां किसानों को खेती से संबंधित सूचना और समर्थन प्रदान करती हैं, जिससे उनकी खेती को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
APMC समितियां खेती क्षेत्रों में किसानों की हित में काम करती हैं और उन्हें बेहतर मूल्य और बाजारी सुरक्षा प्रदान करती हैं।
इस तरह APMC भारत में कृषि उत्पादों की खरीद-फरोख्त को संगठित बनाता है और वित्तीय उत्पादों के व्यापार को आसान बनाता है।
NCDEX और APMC: कृषि उत्पाद बाजारों के बीच के अंतर
NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange) और APMC (Agricultural Produce Market Committee) दोनों ही भारतीय कृषि और खाद्यान्न विनिमय के विभिन्न पहलुओं को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
1.प्रकृति:
- NCDEX: NCDEX एक वित्तीय डेरिवेटिव्स विनिमय बाजार है जो कृषि और खाद्यान्न उत्पादों के डेरिवेटिव्स (फ्यूचर्स और ऑप्शन्स) की व्यापार की अनुमति देता है। इसमें उत्पादकों, व्यापारी, निवेशक, और वित्तीय संस्थाएं भाग लेती हैं।
- APMC: APMC, जिन्हें कृषि उत्पाद बाजार समितियां भी कहा जाता है, भूमि क्षेत्रों में स्थित बाजारों का प्रबंधन करती हैं जो कृषि उत्पादों की खरीददारी और विपणन के लिए उपयोग होते हैं। ये समितियां स्थानीय स्तर पर काम करती हैं और किसानों के हित में विभिन्न नियमों का पालन करती हैं।
2. कार्यक्षेत्र:
- NCDEX: NCDEX केवल कृषि और खाद्यान्न उत्पादों के डेरिवेटिव्स के विनिमय को प्रबंधित करता है, और यह निम्नलिखित उत्पादों के विनिमय के लिए है: धान, गेहूँ, चना, सोयाबीन, चावल, जौ, उड़द, ग्वारसीड, मक्का, आदि।
- APMC: APMC उस स्थानीय बाजार के प्रबंधन के लिए होता है जो खेती क्षेत्रों में होते हैं, और यहां पर किसानों अपने उत्पादों की बेच-खरीद करते हैं। ये समितियां किसानों के लिए मूल्य निर्धारण, खरीददारी, और बाजार सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाती हैं।
3. कार्यक्रम:
- NCDEX: NCDEX एक वित्तीय बाजार है जो कृषि उत्पादों के डेरिवेटिव्स के विनिमय को अद्वितीय तरीके से प्रबंधित करता है जिसमें कीमतों के विनिमय के लिए वित्तीय निवेशकों का भागदारी होता है।
- APMC: APMC का काम किसानों के लिए स्थानीय बाजारों को प्रबंधित करना होता है, जो खरीददारी और विपणन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये बाजार खेती क्षेत्रों में किसानों के उत्पादों की मूल्य निर्धारण और बाजारी सुरक्षा का पालन करते हैं।
4. उद्देश्य:
- NCDEX: NCDEX का उद्देश्य कृषि उत्पादों के वित्तीय विनिमय को सुदृढ़ करना और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
- APMC: APMC का उद्देश्य किसानों के हित में स्थानीय बाजारों को प्रबंधित करना है और उन्हें उत्पादों की खरीददारी और विपणन के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत वातावरण प्रदान करना है।
APMC मे हमारे किसान आपने खेत उत्पादन को बेचते है ओर NCDEX मे खेत उत्पादन कमोडेटी के फ्यूचर के व्यापार होता है तो APMC मे जो भाव होता है वो NCDEX के भाव पर आधारित होते है
किसान को NCDEX ओर APMC दोनों के लाभ लेना चाहिए जिस से किसान को उच्च भाव मिल सकता है
APMC ओर NCDEX के बारे मे आपका कोई सवाल हो तो आप कॉमेंट मे हमे बता सकते हो