मुख्य बोर्ड आईपीओ और एसएमई आईपीओ(Mainboard IPO vs SME IPO) दोनों ही कंपनियों को प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने और पूंजी जुटाने का अवसर प्रदान करते हैं। हालांकि, इन दोनों प्रकार के आईपीओ में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
What is Mainboard IPO : मुख्य बोर्ड आईपीओ
मुख्य बोर्ड आईपीओ(Mainboard IPO) बड़े और स्थापित कंपनियों के लिए होता है। इन कंपनियों को सख्त वित्तीय मानदंडों को पूरा करना होगा और अपने व्यवसाय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करनी होगी। इन कंपनियों के पास एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड और स्थायी व्यवसाय मॉडल होना चाहिए। मुख्य बोर्ड आईपीओ में कम से कम 10 करोड़ रुपये का पूंजी जुटाना होता है।
Pros and Cons of Mainboard IPO : मुख्य बोर्ड आईपीओ के लाभ और जोखिम
मुख्य बोर्ड आईपीओ के लाभ (Mainboard IPO Pros) | मुख्य बोर्ड आईपीओ के जोखिम (Mainboard IPO Cons) |
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अधिक से अधिक निवेशकों तक पहुंच | अधिक कठोर और जटिल लिस्टिंग प्रक्रिया |
अधिक तरलता | उच्च लिस्टिंग शुल्क |
बेहतर कंपनी की प्रतिष्ठा | अधिक प्रतिस्पर्धा |
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What is SME IPO (Small and Medium Enterprises IPO) : एसएमई आईपीओ
एसएमई आईपीओ(SME IPO) छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए होता है। एसएमई को मुख्य बोर्ड आईपीओ के समान सख्त वित्तीय मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें अभी भी अपने व्यवसाय के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है। एसएमई कंपनियों को स्थापित करने के लिए या उनके व्यवसाय का विस्तार करने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। एसएमई आईपीओ में कम से कम 1 करोड़ रुपये का पूंजी जुटाना होता है।
कंपनी प्रकार | निवेश सीमा | टर्नओवर सीमा |
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Small Enterprise | ₹1 करोड़ से ₹10 करोड़ के बीच | ₹5 करोड़ से ₹50 करोड़ के बीच |
Medium Enterprise | ₹10 करोड़ से ₹50 करोड़ के बीच | ₹50 करोड़ से ₹250 करोड़ के बीच |
Pros and Cons of SME IPO : एसएमई आईपीओ के लाभ और जोखिम
एसएमई आईपीओ के लाभ (SME IPO Pros) | एसएमई आईपीओ के जोखिम (SME IPO Cons) |
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कम से कम पूंजी जुटाने की आवश्यकता | कम तरलता |
आसान और सरल लिस्टिंग प्रक्रिया | कम से कम निवेशकों तक पहुंच |
कम लिस्टिंग शुल्क | कंपनी की कम प्रतिष्ठा |
Difference between Mainboard IPO and SME IPO : मुख्य बोर्ड आईपीओ और एसएमई आईपीओ में प्रमुख अंतर
विशेषता | मुख्य बोर्ड आईपीओ | एसएमई आईपीओ |
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कंपनी का आकार | बड़ी और स्थापित कंपनियां | छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) |
न्यूनतम पूंजी जुटाने की आवश्यकता | 10 करोड़ रुपये | 1 करोड़ रुपये |
1 लॉट के लिए लगने वाला पैसा | ₹10,000 – ₹15,000 के बीच | ₹1 लाख से अधिक है |
शेयर बेचना | व्यक्तिगत रूप से शेयर नहीं बेच सकते। पूरा लॉट बेचना होता है। | द्वितीयक बाज़ार में व्यक्तिगत रूप से शेयर बेच सकते हैं। |
आवंटन(allotment) | आवंटियों की न्यूनतम संख्या 50 होनी चाहिए। | आवंटियों की न्यूनतम संख्या 1000 होनी चाहिए। |
लिस्टिंग प्लेटफॉर्म | बीएसई और एनएसई | बीएसई एसएमई और एनएसई |
ऑडिट | कंपनियों को त्रैमासिक ऑडिट डे अकाउंट जमा करना होता है। | कंपनियों को छमाही ऑडिट डे अकाउंट जमा करना होता है। |
लिस्टिंग प्रक्रिया | अधिक कठोर और जटिल | अपेक्षाकृत आसान और सरल |
लिस्टिंग शुल्क | अधिक | कम |
तरलता | अधिक तरल | कम तरल |
निष्कर्ष
मुख्य बोर्ड आईपीओ और एसएमई आईपीओ(Mainboard IPO vs SME IPO) दोनों ही कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद करने के लिए उपयोगी उपकरण हैं। हालांकि, निवेशकों को यह तय करने से पहले कि किस प्रकार का आईपीओ उनके लिए सही है, उन्हें दोनों के बीच के अंतरों को समझना चाहिए।