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Face Value Hindi । शेयरों की असली कीमत या सिर्फ एक आंकड़ा?

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Face Value Hindi

शेयर बाजार में निवेश करने का विचार कर रहे हैं?। तब आपको “फेस वैल्यू” (Face Value) शब्द जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेयरों की फेस वैल्यू का असल में क्या मतलब होता है?

What is Face Value (फेस वैल्यू क्या है)?

फेस वैल्यू किसी कंपनी के शेयर का वह प्रारंभिक मूल्य होता है जिसे कंपनी द्वारा शेयर जारी करते समय निर्धारित किया जाता है। इसे कुल शेयर पूंजी को कुल जारी किए गए शेयरों की संख्या से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है। 

जब कोई कंपनी शेयर जारी करती है, तो वह हर शेयर के लिए एक मूल्य निर्धारित करती है। इस निर्धारित मूल्य को ही उस कंपनी के शेयर का “फेस वैल्यू” (face value) कहा जाता है।

फेस वैल्यू का एक उदाहरण देखते हैं।

एक कंपनी का शेयर फेस वैल्यू को निर्धारित करने के लिए इसकी पूरी शेयरों की कुल मूल्य को उसकी शेयरों के कुल संख्या से विभाजित किया जाता है। मान लें, एक कंपनी के 1,00,000 शेयर हैं और उसका कुल मूल्य 10,00,000 रुपये है। इसका मतलब है कि प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है। इस प्रकार, यहाँ एक कंपनी का फेस वैल्यू 10 रुपये है।

Importance of Face Value (फेस वैल्यू का महत्व):

फेस वैल्यू का महत्व बहुत ही महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से वित्तीय बाजारों में निवेश करते समय। यह एक निर्धारक है जो किसी शेयर की वास्तविक मूल्य को निर्धारित करने में मदद करता है। निम्नलिखित कुछ कारण फेस वैल्यू के महत्व को समझाते हैं:

  1. निवेश निर्णयों के लिए गाइडेंस: फेस वैल्यू निवेशकों को यह बताता है कि शेयर की कीमत क्या है और क्या वह उसके वास्तविक मूल्य के पास है। इससे निवेशक निवेश के निर्णयों को अधिक समझने में सक्षम होता है।
  2. बाजार मूल्य के संदर्भ में जानकारी: फेस वैल्यू एक कंपनी के शेयर की वास्तविक मूल्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण अंग होता है, जो शेयर बाजार में निर्धारित किया जाता है।
  3. शेयर की प्राचलिकता का अनुमान: शेयर का चेहरे का मूल्य उसके वास्तविक मूल्य का एक अंश होता है, जिससे निवेशक शेयर की प्राचलिकता को समझ सकते हैं और वास्तविक मूल्य के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
  4. निगम की सार्वजनिक प्रतिष्ठा: एक निगम की चेहरे की मूल्य उसके सार्वजनिक प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकती है, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

Face Value vs. Market Price (फेस वैल्यू बनाम मार्केट प्राइस):

“फेस वैल्यू” और “मार्केट प्राइस” दोनों ही शेयर की मूल्य को दर्शाने वाले प्रमुख मापदंड हैं, लेकिन इनके बीच में अंतर होता है:

  1. फेस वैल्यू (Face Value): यह वह मूल्य है जिसे कंपनी ने अपने शेयर को जारी करते समय निर्धारित किया था। यह मूल्य आमतौर पर बहुत ही कम होता है और शेयर की वास्तविक मूल्य के साथ बहुत कम जुड़ाव होता है।
  2. मार्केट प्राइस (Market Price): यह वह मूल्य है जिसे बाजार में शेयर की खरीदी-बिक्री के दौरान निर्धारित किया जाता है। यह मूल्य बाजार की प्रवृत्ति, सप्लाई और डिमांड के आधार पर निर्धारित होता है।

फेस वैल्यू और मार्केट प्राइस के बीच अंतर का उदाहरण देखने के लिए, एक कंपनी का शेयर जिसका फेस वैल्यू ₹ 10 है, लेकिन बाजार में इसकी मार्केट प्राइस ₹ 200 हो सकती है। इसका मतलब है कि शेयर की फेस वैल्यू और मार्केट प्राइस के बीच बहुत अधिक अंतर है, जो बाजार के प्रवृत्तियों, निगम के प्रदर्शन, और अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है।

Myth vs. Reality of Face Value (फेस वैल्यू का मिथक बनाम वास्तविकता)

अब, यहाँ कुछ मिथकों की चर्चा करते है जो फेस वैल्यू के संबंध में हैं:

  1. मिथक: फेस वैल्यू शेयर की वास्तविक मूल्य को दर्शाता है: वास्तव में, फेस वैल्यू शेयर की वास्तविक मूल्य को नहीं दर्शाता है। यह केवल निगम द्वारा निर्धारित एक नियमित मूल्य होता है जो निगम के प्रारंभिक कार्यकाल में निर्धारित किया जाता है।
  2. मिथक: फेस वैल्यू का बदलाव शेयर की मूल्य में परिणामी होता है: फेस वैल्यू के बदलाव से शेयर की मूल्य में सीधा परिणाम नहीं होता है। शेयर की मूल्य को बाजार की प्रवृत्ति, निगम के प्रदर्शन, और अन्य कई कारकों पर निर्भर किया जाता है।
  3. मिथक: फेस वैल्यू ज्यादा होने पर शेयर अच्छा होता है: फेस वैल्यू के बढ़ने या कम होने से शेयर की क्वालिटी का कोई संबंध नहीं होता। एक शेयर की मार्केट प्राइस और कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर निवेश का निर्णय लिया जाना चाहिए।

इन मिथकों को समझकर, निवेशक बेहतर निवेश के निर्णय लेते समय सही तरह से निर्णय ले सकते हैं। फेस वैल्यू केवल एक आंकड़ा होता है जो निगम के प्रारंभिक कार्यकाल में निर्धारित किया जाता है, जबकि शेयर की मार्केट प्राइस बाजार की प्रवृत्तियों, निगम के प्रदर्शन, और अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है।

Conclusion (निष्कर्ष):

शेयर बाजार में निवेश करते समय फेस वैल्यू से ज्यादा कंपनी के प्रदर्शन, भविष्य की संभावनाओं और मार्केट ट्रेंड पर ध्यान देना चाहिए।

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