भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। एक तरफ जहां आईपीओ (IPO) के जरिए नई कंपनियां बाजार में आती हैं, वहीं दूसरी तरफ पहले से सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) यानी एफपीओ (FPO) जारी करती हैं।
एफपीओ क्या होता है? (What is FPO)
एफपीओ किसी पहले से ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी द्वारा जारी किया जाने वाला एक प्रकार का शेयर या सेक्यूरिटीज का ऑफर होता है। इस प्रक्रिया के तहत, कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों और नए निवेशकों को नए शेयर जारी करके पूंजी जुटाती है।
इसका मतलब है कि कंपनी पहले ही एक आईपीओ (IPO – आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) के माध्यम से सार्वजनिक हो चुकी है और अब वह पूंजी जुटाने के लिए अतिरिक्त शेयर जारी कर रही है।
एफपीओ के फायदे (Benefits of FPO)
- पूंजी जुटाना: कंपनियां अपने विस्तार योजनाओं, कर्ज चुकाने या किसी नए अधिग्रहण के लिए एफपीओ के जरिए पूंजी जुटा सकती हैं।
- ब्रांड जागरूकता: एफपीओ के जरिए कंपनी को एक बार फिर से बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और ब्रांड जागरूकता बढ़ाने का मौका मिलता है।
- तरलता बढ़ाना: एफपीओ जारी करने से कंपनी के शेयरों की मात्रा बढ़ती है, जिससे उनकी तरलता (liquidity) में भी सुधार होता है।
एफपीओ के नुकसान (Disadvantages of FPO)
- कम रिटर्न: मौजूदा शेयरधारकों के लिए एफपीओ में निवेश करना हमेशा फायदेमंद नहीं होता है। नये शेयर जारी होने से प्रति शेयर की कमाई (EPS) कम हो सकती है।
- बाजार जोखिम: बाजार की खराब स्थिति में एफपीओ को कम सब्सक्रिप्शन मिल सकता है, जिससे कंपनी को पूंजी जुटाने में परेशानी हो सकती है।
- लागत: एफपीओ जारी करने में निवेश बैंकरों और अन्य मध्यस्थों की फीस सहित कई तरह के खर्च शामिल होते हैं।
एफपीओ में निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें (Things to Consider Before Investing in FPO)
- कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन: एफपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी के पिछले वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं का अध्ययन करना चाहिए।
- पूंजी जुटाने का उद्देश्य: कंपनी एफपीओ के जरिए जुटाई गई पूंजी का उपयोग कैसे करेगी, यह जानना जरूरी है।
- मूल्य निर्धारण: एफपीओ में ऑफर किया जा रहा शेयर मूल्य उचित है या नहीं, इसका विश्लेषण करना चाहिए।
- बाजार की स्थिति: बाजार की मौजूदा स्थिति एफपीओ के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
FPO कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को एफपीओ में निवेश करने से पहले सावधानी से जांच-पड़ताल करनी चाहिए और कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, पूंजी जुटाने के उद्देश्य और बाजार की स्थिति जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए।
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