आज हम कैश फ्लो(Cash Flow) क्या है ? और कैश फ्लो कितने प्रकार के होते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
Cash Flow Meaning – कैश फ्लो क्या होता है ?
कैश फ्लो को हिन्दी में नकद प्रवाह कहा जाता है। यह नगद प्रवाह को आसान तरीके से इस तरह समझा जा सकता है।
कारोबार में प्रोडक्ट बेचने के बदले पैसे आते हैं लेकिन प्रोडक्ट (Product)बनाने के मटेरियल(Material) में पैसे चले जाते है। कारोबार में रोज़ाना की ज़रूरत होती है उनमें पैसे चले जाते है।
कर्मचारियों को सैलरी देने में पैसे लगते हैं। इस तरह ज़रूरतों जिस रक़म से पूरा किया जाता है उसे ही कैश फ्लो कहा जाता है।
कैश फ्लो एक वित्तीय अवधि(Financial Term)है। यह मूल रूप से एक विवरण पत्र स्टेटमेंट(Statement) होता है।
इस विवरण स्टेटमेंट में कारोबार कंपनी या संस्था के पास पैसा कहा से आ रहा है और पैसा कहा जा रहा है। पैसा कितना आ रहा है और पैसा कितना जा रहा है।
इन सब बातों को बहुत ही आसान तरीके से दर्शाया जाता है। बिजनेस में एक निश्चित समय पर आने वाली रक़म और बाहर जाने वाली रक़म की क्रिया केश फ्लो कहलाता है।
Type of Cash Flow – कैश फ्लो 3 प्रकार के होते है
- Positive Cash Flow – सकारात्मक कैश फ्लो
कारोबार जब में ख़र्च(Expense) से अधिक मुनाफा(Profit) होता है तो उसे सकारात्मक कैश फ्लो कहते हैं।
- Negative Cash Flow – नकारात्मक कैश फ्लो
कारोबार में जब खर्च(Expense) अधिक लगे और मुनाफा(Profit) कम हो तो उसे नकारात्मक कैश फ्लो कहते हैं।
- Break Even Cash Flow – ब्रेक इवन कैश फ्लो
कारोबार में जब न घाटा(Loss) हो और न ही मुनाफा(Profit) यानी मामला बराबरी पर बना रहे तो उसे ब्रेक इवन कैश फ्लो कहते हैं।
केश फ्लो के बारे मे आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमे कॉमेंट बॉक्स मे पूछ सकते हो।