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How Does Stock Market Work | शेयर बाजार कैसे काम करता है ?

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how does stock market work

स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) वह जगह है जहां निवेशक विभिन्न वित्तीय साधनों में व्यापार (Business) कर सकते हैं। जैसे शेयर (Share), बांड (Bond) और डेरिवेटिव (Derivatives)।

स्टॉक एक्सचेंज एक मध्यस्थ है जो शेयरों की खरीद (Purchase) / बिक्री (Sales) की अनुमति देता है। भारत में, दो प्राथमिक स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) हैं।

इसके अलावा, एक प्राथमिक बाजार है जहां कंपनियां पहली बार अपने शेयरों की सूची देती हैं। दुसरा बाजार निवेशकों को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के दौरान जारी किए गए शेयरों को खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है इसके बारे में जानने के लिए कुछ सरल बिंदु :

  • स्टॉक मार्केट का कार्य।
  • भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कदम।

स्टॉक मार्केट का कार्य

शेयर बाजार (Share Market) कैसे काम करता है इसके बारे में पता करना आवश्यक है? पहले आप व्यापार की मूल बातें जान ले,  यहां विस्तार से समझाया गया है।

प्रतिभागियों (Participants) :

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड (SEBI), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), ब्रोकर (Broker), और व्यापारी/निवेशक। स्टॉक एक्सचेंज वित्तीय उत्पादों में व्यापार करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

व्यापार से पहले कंपनियों (उनके शेयरों की सूची), दलालों(Brokers), व्यापारियों(Merchants) और निवेशकों(Investors) को सेबी(SEBI) और एक्सचेंज (बीएसई(BSE), एनएसई(NSE), या क्षेत्रीय एक्सचेंजों) के साथ पंजीकरण(Registration) करना होता है।

भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कदम

  • आईपीओ (IPO) :

कंपनियां सेबी (SEBI) के साथ एक मसौदा प्रस्ताव दस्तावेज दर्ज करती हैं।

इस दस्तावेज़ में कंपनी– प्रति शेयर कम की गई आमदनी(Income), मूल्य बैंड, और अन्य विवरण के बारे में जानकारी शामिल होती है।

कंपनी प्राथमिक बाजार मे आईपीओ (IPO) के माध्यम से निवेशकों (Investors) को अपने शेयर प्रदान करने की मऺजूरी देता है।

  • वितरण (Delivery) :

कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से बोली लगाने वाले (Bidder) कुछ या सभी निवेशकों (Investors) को शेयर (Share) जारी करती है।

शेयरों को फिर शेयर बाजार (Share Market, sharebaazar) (द्वितीयक बाजार) पर सूचीबद्ध किया जाता है ताकि व्यापार (Business) को सक्षम किया जा सके।

यह मंच शुरुआती निवेशकों के लिए अपने शेयर बाजार के निवेश से बाहर निकलने का एक माध्यम है।

इसके अलावा, जो निवेशक आईपीओ (IPO) के दौरान हिस्सा प्राप्त करने में असफल रहे, उन्हें द्वितीयक बाजार (Secondary Market) पर शेयर खरीदने का अवसर दिया जाता है।

  • स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) : 

ब्रोकिंग एजेंसियों (सेबी (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के साथ पंजीकृत (Registered) ) निवेशकों और भारतीय शेयर बाजार के बीच मध्यस्थ हैं।

ग्राहकों से निर्देश प्राप्त करने पर, दलाल (Broker) बाजार मे जमा करता हैं।

एक खरीदार (Buyer) और विक्रेता (Seller) के मिलने पर, व्यापार को सफलतापूर्वक निष्पादित (Executed) किया जाता है।

स्टॉक एक्सचेंज से एक पुष्टि प्राप्त की जाती है और खरीदार और विक्रेता दोनों को भेजी जाती है।

ऐतिहासिक रूप से, यह प्रक्रिया हस्तलिखित (Hand Written) थी और समय लेने वाली और कष्टदायी (Excruciating) थी।

हालांकि, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ, खरीदारों और विक्रेताओं के मिलान की पूरी प्रक्रिया इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। इससे लेनदेन का समय कुछ मिनटों से कम हो गया है। 

बहरहाल, हजारों संभावित निवेशक हैं और उन सभी को एक स्थान पर परिवर्तित करना असंभव है। स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकिंग एजेंसियां इस स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  • आदेश प्रसंस्करण (Order Processing) :

यह तब होता है जब दलालों (Broker) द्वारा अपने ग्राहकों (Customers) की अदला बदली की प्रक्रिया होती है। पूरे प्रक्रिया में कई दल शामिल हैं।

जब खरीदारों और विक्रेताओं का मिलान किया जाता है, तो स्टॉक एक्सचेंज डिफॉल्ट से बचने के लिए दोनों पक्षों को एक पुष्टि भेजता है।

निष्पादित ट्रेडों (Trades)को निपटाया जाता है, जो कि वह प्रक्रिया है जहां खरीदार शेयरों को प्राप्त करता है और विक्रेता अपने फंड (Fund) को प्राप्त करते हैं।

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज अपना T + 2 निपटान, जहां लेनदेन के दिन से दो कार्यालय दिवसों के भीतर निपटान होता है।

स्टॉक मार्केट की मूल बातें और यह कैसे काम करता है यह समझने के बाद लाभदायक निवेश और निवेशकों को अनावश्यक जोखिम लेने से रोकता है।

शेयर बाजार कैसे काम करता है – How Does Stock Market Work। हम यहाँ स्टॉक मार्केट का कार्य, भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश कैसे करे उस पर विस्तार से बात करेंगे।

स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) वह जगह है जहां निवेशक विभिन्न वित्तीय साधनों में व्यापार (Business) कर सकते हैं। जैसे शेयर (Share), बांड (Bond) और डेरिवेटिव (Derivatives)।

स्टॉक एक्सचेंज एक मध्यस्थ है जो शेयरों की खरीद (Purchase) / बिक्री (Sales) की अनुमति देता है।

भारत में, दो प्राथमिक स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) हैं। इसके अलावा, एक प्राथमिक बाजार है जहां कंपनियां पहली बार अपने शेयरों की सूची देती हैं।

दुसरा बाजार निवेशकों को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के दौरान जारी किए गए शेयरों को खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है इसके बारे में जानने के लिए कुछ सरल बिंदु :

  • स्टॉक मार्केट का कार्य।
  • भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कदम।

स्टॉक मार्केट का कार्य

शेयर बाजार (Share Market) कैसे काम करता है इसके बारे में पता करना आवश्यक है? पहले आप व्यापार की मूल बातें जान ले,  यहां विस्तार से समझाया गया है।

प्रतिभागियों (Participants) :

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड (SEBI), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), ब्रोकर (Broker), और व्यापारी/निवेशक।

स्टॉक एक्सचेंज वित्तीय उत्पादों में व्यापार करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

व्यापार से पहले कंपनियों (उनके शेयरों की सूची), दलालों(Brokers), व्यापारियों(Merchants) और निवेशकों(Investors) को सेबी(SEBI) और एक्सचेंज (बीएसई(BSE), एनएसई(NSE), या क्षेत्रीय एक्सचेंजों) के साथ पंजीकरण(Registration) करना होता है।

भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कदम

  • आईपीओ (IPO) :

कंपनियां सेबी (SEBI) के साथ एक मसौदा प्रस्ताव दस्तावेज दर्ज करती हैं।

इस दस्तावेज़ में कंपनी– प्रति शेयर कम की गई आमदनी(Income), मूल्य बैंड, और अन्य विवरण के बारे में जानकारी शामिल होती है।

कंपनी प्राथमिक बाजार मे आईपीओ (IPO) के माध्यम से निवेशकों (Investors) को अपने शेयर प्रदान करने की मऺजूरी देता है।

  • वितरण (Delivery) :

कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से बोली लगाने वाले (Bidder) कुछ या सभी निवेशकों (Investors) को शेयर (Share) जारी करती है।

शेयरों को फिर शेयर बाजार (Share Market, sharebaazar) (द्वितीयक बाजार) पर सूचीबद्ध किया जाता है ताकि व्यापार (Business) को सक्षम किया जा सके।

यह मंच शुरुआती निवेशकों के लिए अपने शेयर बाजार के निवेश से बाहर निकलने का एक माध्यम है।

इसके अलावा, जो निवेशक आईपीओ (IPO) के दौरान हिस्सा प्राप्त करने में असफल रहे, उन्हें द्वितीयक बाजार (Secondary Market) पर शेयर खरीदने का अवसर दिया जाता है।

  • स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) : 

ब्रोकिंग एजेंसियों (सेबी (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के साथ पंजीकृत (Registered) ) निवेशकों और भारतीय शेयर बाजार के बीच मध्यस्थ हैं।

ग्राहकों से निर्देश प्राप्त करने पर, दलाल (Broker) बाजार मे जमा करता हैं।

एक खरीदार (Buyer) और विक्रेता (Seller) के मिलने पर, व्यापार को सफलतापूर्वक निष्पादित (Executed) किया जाता है।

स्टॉक एक्सचेंज से एक पुष्टि प्राप्त की जाती है और खरीदार और विक्रेता दोनों को भेजी जाती है।

ऐतिहासिक रूप से, यह प्रक्रिया हस्तलिखित (Hand Written) थी और समय लेने वाली और कष्टदायी (Excruciating) थी।

हालांकि, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ, खरीदारों और विक्रेताओं के मिलान की पूरी प्रक्रिया इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। इससे लेनदेन का समय कुछ मिनटों से कम हो गया है। 

बहरहाल, हजारों संभावित निवेशक हैं और उन सभी को एक स्थान पर परिवर्तित करना असंभव है। स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकिंग एजेंसियां इस स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  • आदेश प्रसंस्करण (Order Processing) :

यह तब होता है जब दलालों (Broker) द्वारा अपने ग्राहकों (Customers) की अदला बदली की प्रक्रिया होती है। पूरे प्रक्रिया में कई दल शामिल हैं।

जब खरीदारों और विक्रेताओं का मिलान किया जाता है, तो स्टॉक एक्सचेंज डिफॉल्ट से बचने के लिए दोनों पक्षों को एक पुष्टि भेजता है।

निष्पादित ट्रेडों (Trades)को निपटाया जाता है, जो कि वह प्रक्रिया है जहां खरीदार शेयरों को प्राप्त करता है और विक्रेता अपने फंड (Fund) को प्राप्त करते हैं।

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज अपना T + 2 निपटान, जहां लेनदेन के दिन से दो कार्यालय दिवसों के भीतर निपटान होता है।

स्टॉक मार्केट की मूल बातें और यह कैसे काम करता है यह समझने के बाद लाभदायक निवेश और निवेशकों को अनावश्यक जोखिम लेने से रोकता है।

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